
अब आंध्रा सीएम नायडू ने भी मातृभाषा तेलुगु की वकालत की, मातृभाषा को भूले बिना अधिक से अधिक भाषाएं सीखें
RNE Network
स्टालिन, रेवन्त रेड्डी के बाद अब आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी मातृभाषा की वकालत की है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि जो लोग अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करते हैं, वे दुनिया भर में सफलता हासिल कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भाषा नफरत करने के लिए नहीं है। आंध्रा में मातृभाषा तेलुगु है। हिंदी संपर्क भाषा और अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है। नायडू ने कहा कि आजीविका के लिए मातृभाषा को भूले बिना अधिक से अधिक भाषाएं सीखना महत्त्वपूर्ण है।
राजस्थान के राजनेता कब बोलेंगे:
तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रा के मुख्यमंत्री तो धड़ल्ले से अपनी मातृभाषा की बात बोलते हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक आखिर ऐसा क्यों नहीं बोलते हैं। हरेक मातृभाषा प्रेमी के मन में दूसरे राज्यों के नेताओं बयानों पर आक्रोश आता है कि क्या हमारे नेताओं को अपनी मां बोली पर गर्व नहीं है। 200 विधायक, 25 लोकसभा व 10 राज्यसभा के सांसद क्यों नहीं बोलते अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी के लिए। कुछ तो सोचो माननीयों ! कुछ तो मां का कर्ज चुकाओ !!